इस वजह से अबू नस्र मस्जिद मे गया और रो रो कर दुवा मांग ने
लगा
मस्जिदकेइमामनेअबू नस्र को रोतेहुएदेखाऔरपूछाकिक्याहुआ।तो अबू नस्रने मस्जिदकेइमामसे कहा मेरेपासपैसेनहींहैंऔरमेरेपासकोईमछलीभी नहींहै।
इमामनेमुस्कुरातेहुए अबू नस्र से कहाकिआपकोकेवलअल्लाहसेमददमांगनेकीज़रूरतहै, उन्होंनेकहाकिआजसुनिश्चितकरेंकिआपनदीमेंवापसजाएंऔरजबआपवहांसेपहलेअपनेमछलीपकड़नेकेजालकोपानीमेंफेंकतोआपकोबिस्मिल्लाकहनाचाहिए।
अबूनस्रनेइमामकीसलाहलीऔर वो नदीपरलौटआएऔरइससेपहलेकिवहअपनेमछलीपकड़नेकेजालकोपानीमेंफेंकते, उन्होंनेबिस्मिल्लाहकहा,तोअल्लाहनेउन्हेंअपनीपहलीबड़ीमछलीउनके जाल मे दी
जोबहुतलंबेसमयमे मिली थी।
उसनेअल्लाहसेप्रार्थनाकीऔरउनसेउनकीरक्षाकरनेकोकहा।और उसके बाद वो
घर वापस लॉट गया।
जेसे ही वो आराम कर रहा
था तो किसी अजनबी ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी तो अबू नस्र ने दरवाजा खोला तो वो
अजनबी ने पूछा क्या ये अबू नस्र का घर हे तो अबू नस्र ने कहा हा और मे ही अबू नस्र
हु पर आप कोण हैं और मेरा क्या काम हे आपको।
वो अजनबी एक व्यवसायिथा उसने अबू नस्र
से कहा किकईसालपहलेमैंनेअपनाव्यवसायशुरूकरनेकेलिएआपकेपितासेपैसेउधारलिएथे।उसके बाद आपके
पिताजी का निधन हो गया हैं मे जानता हु, और जो पैसा मेने आपके पिताजी के पास से उधार लिया था उससे मेने एक बिसनेस सरु किया
जिससे मुजे काफी सारा मुनाफा हुवा तो उसीमे से मे आपको आपका मुनाफे का पैसा देने
आया हु।और ये कहकर उस अजनबी ने अबू नस्र को पैसे से भरा बेग दे दिया और वो वहा से
चला गया।
ये पैसे से भरा बेग देखकर
अबू नस्र बहुत खुस हुवा क्यू की इतना ज्यादा पैसा उसने कभी सपने मे भी नहीं देखा था
अब अबू नस्र ने इस पैसे
से अपने परिवार के लिए महीने भर का भोजन खरीद लिया जिसे उनके परिवार मे बहुत
खुसिया आगई।
और बाकी बचे पैसो से अबू
नस्र ने अपना खुद का कारोबारशुरूकिया।और वहएकमहानव्यवसायीबनगयाऔरउसकापरिवारफिरकभीभूखानहींरहा।
तो देखा मेरे दोस्तो
अल्लाह की खातिर जब हम किसी की मदद करते हैं तो बदले मे अल्लाह भी हमारी मदद करता
हैं जैसे अल्लाह ने अबू नस्र की मदद की उसी तरह अल्लाह हमारी भी मदद करेगा
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