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The Story of the Poor Fisherman in Hindi | Islamic Story

 

The Story of the Poor Fisherman in Hindi


Ismalic Story: अबू नस्र नाम का एक गरीब मछुआरा था, उसने कई दिनों तक कोई मछली नहीं पकड़ी थी और इसलिए उसकी पत्नी और बेटा भूख से बिलख रहे थे और रो रहे थे।

 इस वजह से अबू नस्र मस्जिद मे गया और रो रो कर दुवा मांग ने लगा

 मस्जिद के इमाम ने अबू नस्र को रोते हुए देखा और पूछा कि क्या हुआ। तो अबू नस्र ने मस्जिद के इमाम से कहा मेरे पास पैसे नहीं हैं और मेरे पास कोई मछली भी नहीं है

 इमाम ने मुस्कुराते हुए अबू नस्र से कहा कि आपको केवल अल्लाह से मदद मांगने की ज़रूरत है, उन्होंने कहा कि आज सुनिश्चित करें कि आप नदी में वापस जाएं और जब आप वहां से पहले अपने मछली पकड़ने के जाल को पानी में फेंक तो आपको बिस्मिल्ला कहना चाहिए।

 अबू नस्र ने इमाम की सलाह ली और वो  नदी पर लौट आए और इससे पहले कि वह अपने मछली पकड़ने के जाल को पानी में फेंकते, उन्होंने बिस्मिल्लाह कहा, तो अल्लाह ने उन्हें अपनी पहली बड़ी मछली उनके जाल मे दी जो बहुत लंबे समय मे मिली थी।

 अबू नस्र मछली को बाजार में ले गया और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उसे एक रोटी के बदले बेच दिया।

 उन्होंने अल्लाह को इस महान आशीर्वाद के लिए धन्यवाद दिया।

 घर जाते समय अबू नस्र ने एक गरीब महिला को अपने बेटे के साथ देखा। वे रो रहे थे क्योंकि उनके पास भोजन नहीं था।

 उन्होंने कहा हम इतने भूखे हैं कि, अबू नस्र ने उन्हें अपनी रोटी पर ध्यान दिया। और  यह उनकी अपनी पत्नी और बेटे की याद दिलाता है।

 वह जानता था कि वह कैसे महसूस करता है कि इस महिला के पास कोई भोजन नहीं है और उसके बेटे के पास कोई भोजन नहीं है, लेकिन उनके पास उनकी देखभाल करने के लिए कोई पिता भी नहीं था।

 इसलिए उसने उन्हें अपनी  रोटी दी और वे मुस्कुराए और उनके आंसू सूख गए।

 उस गरीब माँ और बेटे ने अबू नस्र से कहा कि इस तरह के एक उदार उपहार के लिए धन्यवाद।

अबू नस्र अधिक से अधिक चिंतित हो गया कि उसकी अपनी पत्नी और बेटे के बारे में वह क्या सोचता है?

 उसने अल्लाह से प्रार्थना की और उनसे उनकी रक्षा करने को कहा। और उसके बाद वो घर वापस लॉट गया।

जेसे ही वो आराम कर रहा था तो किसी अजनबी ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी तो अबू नस्र ने दरवाजा खोला तो वो अजनबी ने पूछा क्या ये अबू नस्र का घर हे तो अबू नस्र ने कहा हा और मे ही अबू नस्र हु पर आप कोण हैं और मेरा क्या काम हे आपको।

वो अजनबी एक  व्यवसायि था उसने अबू नस्र से कहा कि कई साल पहले मैंने अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए आपके पिता से पैसे उधार लिए थे। उसके बाद आपके पिताजी का निधन हो गया हैं मे जानता हु, और जो पैसा मेने आपके पिताजी के पास से उधार लिया था उससे मेने एक बिसनेस सरु किया जिससे मुजे काफी सारा मुनाफा हुवा तो उसीमे से मे आपको आपका मुनाफे का पैसा देने आया हु।और ये कहकर उस अजनबी ने अबू नस्र को पैसे से भरा बेग दे दिया और वो वहा से चला गया।

ये पैसे से भरा बेग देखकर अबू नस्र बहुत खुस हुवा क्यू की इतना ज्यादा पैसा उसने कभी सपने मे भी नहीं देखा था

अब अबू नस्र ने इस पैसे से अपने परिवार के लिए महीने भर का भोजन खरीद लिया जिसे उनके परिवार मे बहुत खुसिया आगई।

और बाकी बचे पैसो से अबू नस्र ने अपना खुद का कारोबार शुरू किया। और वह एक महान व्यवसायी बन गया और उसका परिवार फिर कभी भूखा नहीं रहा।

तो देखा मेरे दोस्तो अल्लाह की खातिर जब हम किसी की मदद करते हैं तो बदले मे अल्लाह भी हमारी मदद करता हैं जैसे अल्लाह ने अबू नस्र की मदद की उसी तरह अल्लाह हमारी भी मदद करेगा  

 


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